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आज व्यंग्य विधा के लिए अनेक चुनौतियाँ-श्री आच्छा

संगोष्ठी…

हैदराबाद (तेलंगाना)।

व्यंग्य लोक जीवन से सीधा साक्षात्कार है और विषमताओं के विरुद्ध धारदार अभिव्यक्ति भी। व्यंग्य कमजोर के संरक्षण और पाखंड के विरुद्ध प्रतिकार की शक्ति है। व्यंग्य केवल सत्ता की विसंगतियों तक सीमित नहीं है, बल्कि कोने-कोने में झांकता है, पर आज व्यंग्य विधा के लिए अनेक चुनौतियाँ हैं।
यह बात मुख्य वक्ता प्रख्यात व्यंग्यकार बी.एल. आच्छा ने ‘समकालीन व्यंग्य:चुनौतियाँ और सीमाएँ’ विषय पर प्रकाश डालते हुए कही। अवसर रहा युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य शाखा की आभासी बीसवीं संगोष्ठी का, जिसका शुभारंभ सरिता दीक्षित द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना के साथ हुआ। तत्पश्चात प्रदेश इकाई की अध्यक्षा डॉ. रमा द्विवेदी ने अतिथियों का शब्द स्वागत किया। कार्यक्रम सुप्रसिद्ध व्यंग्य पत्रिका ‘अट्टहास’ के प्रधान संपादक एवं लब्ध प्रतिष्ठ व्यंग्यकार रामकिशोर उपाध्याय (दिल्ली) की अध्यक्षता में हुआ। श्री आच्छा (चेन्नई) एवं प्रदेश अध्यक्ष डॉ. द्विवेदी मंचासीन हुए। मुख्य वक्ता का परिचय डॉ. सुरभि दत्त (कोषाध्यक्ष) ने दिया।
विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. राशि सिन्हा ने कहा कि, व्यंग्य विधा आज संक्रमण की मार झेल रही है। नए सर्जकों की भरमार में कई बार ऋणात्मक व्यंग्य अपना मूल और व्यावहारिक स्वरूप को खो रहा है। प्रायः व्यंग्य की करुण भाव की जगह फूहड़ हास्य की प्रस्तुति में सिमटता जा रहा है। रामकिशोर उपाध्याय ने कहा कि महान साहित्यकार अल्बर्ट कामू ने नोबेल पुरस्कार प्राप्ति के समय १९५७ में दिए गए अपने भाषण में कहा था कि एक लेखक को इतिहास निर्माताओं की सेवा में समर्पित नहीं होना चाहिए, बल्कि उन लोगों की सेवा में प्रस्तुत होना चाहिए जो जिससे वे पीड़ित हुए। व्यंग्य लेखक को निर्बल, सत्य, न्याय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पक्षधर होना चाहिए। हालांकि व्यंग्य-लेखन में आज खतरा पहले से अधिक है।
दूसरे सत्र में आयोजित काव्य गोष्ठी में रचनाकारों ने विविध विषयों पर सृजित सुंदर सरस रचनाओं का काव्य पाठ करके वातावरण को खुशनुमा बना दिया। सुश्री विनीता शर्मा, शिल्पी भटनागर, प्रियंका पाण्डे, बिनोद गिरि अनोखा व शकुंतला मिश्रा आदि ने पाठ किया।
प्रथम सत्र का संचालन शिल्पी भटनागर (संगोष्ठी संयोजिका) एवं द्वितीय का संचालन सरिता दीक्षित ने किया। डॉ. सुषमा देवी और तृप्ति मिश्रा के आभार प्रदर्शन से कार्यक्रम समाप्त हुआ।