डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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आतंकवाद एक अपराध है,
ज़िन्दगी की सबसे क्रूरतम सौगात है
नन्हें-नौनिहालों को देता आघात है,
नवजवानों को देता प्रतिघात है।
यहां यह एक वैश्विक उबाल है,
नैतिकता का नहीं दिखता सवाल है
मजबूरियाँ भी दिखती यहां हावी है,
ग़लत रास्ते पर चलने वाले लोगों की
यहां भीड़ दिखती खूब प्रभावी है।
यह रोग वैश्विक बन चुका है,
अशांति से सब कुछ ढंक चुका है
घर-घर में तैयार हो रही है फिज़ा,
धार्मिक कट्टरवाद से उपज रही है यहां
धर्म और मजहब नहीं सिखाता है,
कभी-कभी आतंकवादियों को राष्ट्रीयता यहां
कट्टरपंथियों को सब मानते हैं अपना यहां।
रिश्ते-नाते से हमें,
दूर करते हैं यह लोग
समस्त जनमानस में आज़,
फ़ैल गया है यह भोग।
सहिष्णुता और प्यार नहीं है दिखता यहां,
धार्मिक कट्टरवाद यहां आज़ दिखता सदा
भाईचारे को लग गया है ग्रहण यहां,
सब एक-दूसरे को देखते हैं दूसरी नज़र से यहां।
आओ हम-सब मिलकर,
एक उन्नत सकारात्मक पराक्रम करें।
आतंकवाद को खत्म करने पर,
मजबूती से श्रम करें॥
परिचय–पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।