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आदर्श शिक्षक

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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यदि आप नहीं होते, तो…(शिक्षक दिवस विशेष)

वो झुकना हमें सिखाते हैं,
नम्रता का पाठ पढ़ाते हैं
दिव्य ज्ञान की ज्योति से,
घर-घर प्रकाश फैलाते हैं।

ऊंच-नीच का भेद नहीं है,
मिलकर जीना सिखाते हैं
बच्चों को संस्कार देते हैं,
राष्ट्र निर्माता कहलाते हैं।

जीवन के कठिन दौर में,
चुनौतियों से लड़ जाते हैं
सच्चाई का पाठ पढ़ाते हैं,
आदर्श शिक्षक कहलाते हैं।

अमीर-गरीब कोई भी हो,
वो सबको गले लगाते हैं
तिमिर में उजाला करने को,
वो खुद दीपक बन जाते हैं।

गुरु चरणों में स्वर्ग बसा है,
जो समझें वो पा जाते हैं
सोए हुए भाग्य है जिनके,
वो उनके भाग्य जगाते हैं।

इज्जत बड़ों की करने की,
हमको संस्कार सिखाते हैं।
उज्ज्वल भविष्य बनाने का,
हमको रास्ता वही दिखाते हैं॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।

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