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इन्सान हैं हम

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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इन्सान हैं हम,
मिल-जुलकर करें
एक दूसरे का सदैव सम्मान,
यहां हम-सब न करें
आपसी मतभेद व,
घमंड व अभिमान।

धर्म और संस्कृति में,
सबसे ऊपर है
सुन्दर इंसानियत,
हम-सब मिलकर एक रहें
जानें और समझें,
रहें सदैव दूर-दूर
इसके दुष्ट उच्छ्रंखल रंग,
जो दिखलाती हैं
आज़ की सियासत।

धर्म और राजनीति भी,
नहीं रहें साथ-साथ
हम-सब मिलकर दें सदैव,
इन्सानियत का साथ।

घटनाक्रम चिन्तित कर रहे हैं,
झूठ के सौदागर के
कुत्सित प्रयास से,
इन्सान को इन्सान
बनाने में कामयाबी,
अवश्य मिलेगी
अपने-अपने,
ढंग से किए जाने वाले
मजबूत प्रयास से।

मॉब लिंचिंग,आतंकवाद,
साम्प्रदायिक तनाव हैं
इसकेे भिन्न-भिन्न प्रकार,
हम-सब मिलकर यहां,
करें इस कृत्य पर
अब मजबूत व जबरदस्त प्रहार।

धर्म-कर्म दान-पुण्य हैं,
इसकेे विकृत रूप
मानवीय मूल्यों को स्थापित,
करने में आगे बढ़ते चलें
बनकर अमूर्त स्वरूप।

सुरक्षित जीवन,
शांतिपूर्ण वातावरण
हैं इन्सानियत के अच्छे संस्कार,
मानवता का सम्मान
व सभ्यता का कल्याण,
है इसके भिन्न-भिन्न प्रकार।

समृद्धि और खुशहाली,
उज्जवल भविष्य
को हर पल देता है,
यह रंग उच्चतम सम्मान
इन्सान के इस रंग को,
हम-सब मानते हैं।
मानवता का सबसे बड़ा,
उत्कृष्ट भाव से,
भरा हुआ स्वाभिमान॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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