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इन्हें मत काटो…

हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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यह छोटी-छोटी क्यारियाँ,
पौधों की यह वाटिका
लगती है बहुत प्यारी,
यह पौधे आज छोटे जरूर हैं
पर कल यह पेड़ बनेंगे,
पेड़ बन कर खूब तनेंगे
हवा में झूमेंगे, नाचेंगे गीत- गुंजन करेंगे,
इन पेड़ों को बड़ा होने दो
मानव इन्हें मत काटो।

तुम्हारी कुल्हाड़ी मूक पेड़, पौधों पर क्यों चलती है ?
यह हमारे जीवन के लिए अनमोल है,
इन पेड़ों को बड़ा होने दो…।

हरियाली उंमगता का संदेश है,
पेड़ों की छाया हमारे मन को सुकून देती है
आक्सीजन देकर पेड़ हमें जीवन देते हैं,
पर हम इन्हीं को विकास के नाम पर काटते हैं
पेड़ों से जीवन का सार है,
पेड़ हमारे लिए प्रकृति का बहुत बड़ा उपकार है
पर्यावरण की रक्षा में पेड़ ही ढाल हैं।
इन पेड़ों को बड़ा होने दो,
मानव इन्हें मत काटो…॥