अमृता सिंह
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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हूँ मैं उलझनों में कई,
लेकिन उदास है मुझे होना नहीं।
ये तो वक़्त है रेत-सा…
पल में फ़िसल जाएगा,
होगा नया सवेरा,
सूरज फिर उग आएगा।
आस तू ये खोना नहीं…
छोड़ साथ आशाओं का,
निराश तू होना नहीं।
सत्य तू कल था,
सत्य तू आज है…
सत्य तू आगे भी होगा,
पूर्ण यह मुझे विश्वास है।
आस तू ये खोना नहीं…
छोड़ साथ आशाओं का,
निराश तू होना नहीं॥
परिचय–अमृता सिंह के अवतरण की तारीख २२ मार्च एवं जन्म स्थान-इंदौर (मध्यप्रदेश) है। शिक्षा-बी.कॉम. सहित अंग्रेजी में स्नात्तकोत्तर,बी.एड. किया है। इनकी रुचि-सामाजिक कार्य,पर्यटन और कार्यक्रम प्रबन्धन में है। वर्तमान में आपका निवास इंदौर में ही है। संप्रति से आप इंदौर में निजी विद्यालय में शिक्षक हैं।