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उनकी हर साँस से जुड़ी खुशियाँ हमारी

डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती
बिलासपुर (छतीसगढ़)
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उनकी साँसों से मेरी खुशियाँ (पिता दिवस विशेष)…

‘पापा’,
एक शब्द नहीं
एक रिश्ता नहीं,
आरंभ से अंत तक
परिवार की ताक़त है।

‘पापा’,
सिर्फ गुस्सा नहीं
सिर्फ सख्त नहीं,
गुणों की खान है
परिवार की शान है।

‘पापा’,
ऊपर से गरम अंदर से नरम
पढ़ाई के समय कड़ाई,
थोड़ी कुश्ती या लड़ाई
डिनर पर खुलकर मौज-मस्ती।

‘पापा’,
समाजसेवा में समर्पित
सबको करते खुशियाँ अर्पित,
बच्चों के वो असली हीरो
जी-जान एक कर दे उनकी खातिर।

‘पापा’,
कर्मठ डॉक्टर, सबके आदर्श
बच्चे, जवान, बुजुर्ग लेते उनसे परामर्श,
हरफनमौला, गीत-संगीत में अव्वल
क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन खिलाड़ी।

‘पापा’,
का प्यारा भाई मेरा
मैं दुलारी गुड़िया रानी।
हमारे जीवन के स्तंभ ही नहीं,
उनकी हर एक साँस से जुड़ी खुशियाँ हमारी॥

परिचय- शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राध्यापक (अंग्रेजी) के रूप में कार्यरत डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती वर्तमान में छतीसगढ़ राज्य के बिलासपुर में निवासरत हैं। आपने प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर एवं माध्यमिक शिक्षा भोपाल से प्राप्त की है। भोपाल से ही स्नातक और रायपुर से स्नातकोत्तर करके गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (बिलासपुर) से पीएच-डी. की उपाधि पाई है। अंग्रेजी साहित्य में लिखने वाले भारतीय लेखकों पर डाॅ. चक्रवर्ती ने विशेष रूप से शोध पत्र लिखे व अध्ययन किया है। २०१५ से अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय (बिलासपुर) में अनुसंधान पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत हैं। ४ शोधकर्ता इनके मार्गदर्शन में कार्य कर रहे हैं। करीब ३४ वर्ष से शिक्षा कार्य से जुडी डॉ. चक्रवर्ती के शोध-पत्र (अनेक विषय) एवं लेख अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशित हुए हैं। आपकी रुचि का क्षेत्र-हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला में कविता लेखन, पाठ, लघु कहानी लेखन, मूल उद्धरण लिखना, कहानी सुनाना है। विविध कलाओं में पारंगत डॉ. चक्रवर्ती शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कई संस्थाओं में सक्रिय सदस्य हैं तो सामाजिक गतिविधियों के लिए रोटरी इंटरनेशनल आदि में सक्रिय सदस्य हैं।