कुल पृष्ठ दर्शन : 215

You are currently viewing औरत अबला अब नहीं

औरत अबला अब नहीं

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
***********************************

औरत-नारी-स्त्री और महिला,
क्या सब नहीं है एक नाम ?
मर्दों की फितरत देखो,
बस औरत को बस देते हैं
एक ही नाम।

नारी विषय के रूप में,
कहलाती भूगोल है
भूगोल देखकर ही मर्द करता है,
स्त्री पर प्यार का इजहार
ज़िन्दगी में यहीं दिखता है,
मर्द को एक मोहब्बत का भाव
करता है इस कारण ऐतबार ।

मन की आँखें नहीं देखते हैं लोग,
स्त्री के खौलते इतिहास पर
नहीं गौर करते हैं लोग,
कितनी तकलीफें दफ़न है,
औरत तेरी काले इतिहास के हर पन्ने पर यहां
मर्द ने कभी नहीं की जुर्रत व फ़िक्र,
इसे पढ़ने की कभी
उसे तो बस वास्ता रहा रसोईघर,
और बिस्तर तक का ही गणित।

ज़िन्दगी में यहां,
स्त्री के मन-मन्दिर की बन्द गांठें
पढ़ने की जरूरत नहीं,
समझें हम मर्द लोग कहां
फिर सच्चाई से कैसे रूबरू हो सकतें हैं,
हम मर्द लोग यहां
भूगोल और गणित से आगे बढ़ने की,
सख्त जरूरत दिखती है यहाँ
स्त्री के खौलते इतिहास पर,
ध्यान देने की बढ़ गई
आज़ खूब अहमियत बस यहां।

आज़ की नारियाँ नहीं रही हैं,
अब यहां अबला
फिर क्यों इतनी प्रताड़ना सहन कर रही है,
बनकर यहाँ सबला।

स्त्री के मन की गांठ में बन्द,
दुःख तकलीफ क्रंदन और मजबूरी
अब हमें पहचाननी होगी,
औरत की दबी जुबान में छिपी सिसकियां भी,
दिल से जाननी ही होगी।

अगर हम यहां शिद्दत से,
स्त्री की मर्जी से करेंगे यह काम
मर्द जाति अब कभी भी,
नहीं कभी होगी यहां बदनाम।

औरत नारी स्त्री महिला पर,
प्यार लुटाते हुए इस वर्ग को,
जीवन्त रखना होगा न !
भूगोल को भूलकर,
स्त्री के मन में खौलते इतिहास को
दिल से अब पढ़ना होगा।

अब वह यहां से गया वह दौर नहीं रहा,
जब रसोईघर और बिस्तर तक ही मर्द को
दिखता था स्त्री का शौर्य,
मजबूत इरादों से मर्द को
अब खूब मुस्कुराहट भरी जिंदगी की कहानी,
औरत की लिखनी होगी।
२१ वीं सदी में एक नई इबारत,
स्त्री के नाम गढ़नी होगी॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

Leave a Reply