मुम्बई (महाराष्ट्र)।
मुम्बई विश्वविद्यालय कलीना सांताक्रुज में २२-२३ फरवरी को ‘कथा मुंबई’ का आयोजन किया गया। इसमें तकरीबन ४२ कथाकारों ने रचनाओं का पाठ किया। उद्घाटन सत्र का आरंभ जितेंद्र भाटिया की अध्यक्षता में हुआ।
इसका संयोजन शोधावली, कथा, स्वर संगम फाउंडेशन तथा मंथन ने मिलकर किया। मुख्य अतिथि सुधा अरोड़ा रहीं। कार्यक्रम का परिचय हरीश पाठक ने दिया। पहले सत्र का आरंभ सुधा अरोड़ा की कहानी ‘रहोगी तुम वहीं’ से हुआ, जिसकी रिकॉर्डिंग राजेंद्र गुप्ता की आवाज में प्रस्तुत की गई। सुधा जी ने कहानी के बारे में बहुत सी रोचक बातें बताईं। डॉ. अलका अग्रवाल सिग्तिया ने अपनी व्यंग्य कहानी ‘साईं इतना दीजिए बीएमडब्ल्यू आए’ का पाठ किया। रविंद्र कात्यायन, रमेश यादव व असीमा भट्ट आदि ने भी अपनी कहानी पढ़ीं। अध्यक्षीय भाषण के साथ ही श्री भाटिया ने बहुत ही मार्मिक कहानी सुनाई और वर्तमान कथा परिदृश्य पर दो टूक बातें रखीं। कार्यक्रम की सबसे सुखद अनुभूति यह रही, कि इसमें सुनने के लिए भी बहुत से जाने-माने विद्वतजन उपस्थित रहे।