सोनीपत (हरियाणा)।
कल्पकथा परिवार द्वारा आयोजित २१७वीं कल्पकथा साप्ताहिक आभासी काव्य गोष्ठी भक्ति प्रसंगों से शोभायमान होती रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता जबलपुर मध्य प्रदेश से जुड़ीं विद्वत साहित्यकार श्रीमती ज्योति प्यासी ने की। देहरादून से वरिष्ठ साहित्यकार नंदकिशोर बहुखंडी ने मुख्य अतिथि का पद सम्हाला।
संस्था परिवार की संवाद प्रभारी ज्योति राघव सिंह ने बताया कि आशुकवि भास्कर सिंह ‘माणिक’ के मंच संचालन में आयोजन का शुभारंभ विजय रघुनाथराव डांगे द्वारा संगीतमय गुरु वंदना के साथ किया गया।
रुचिकर भक्ति प्रसंगों के इस आयोजन में कृष्ण, सुदामा, राम वनवास, भरत-हनुमान मिलाप, मारीच, महर्षि वाल्मीकि आदि पौराणिक पात्रों पर आधारित काव्य रचनाओं में सृजनकारों की शब्द वंदना गतिमान होती रही।
प. अवधेश प्रसाद मिश्र मधुप ने माँ भगवती के दर्शनों को लालायित मन के भाव प्रकट करते हुए कहा “मैं तरसता था तेरे दरस के लिए, सामने हो खड़ी अब दरस मिल गया।” विष्णु शंकर मीणा ने काव्य रचना “त्रेता युग में धन्य भाग्य” सुनाते हुए वातावरण को ईश्वर की कृपा से आलोकित कर दिया। श्री डांगे ने महर्षि वाल्मीकि को समर्पित रचना में बताया “भक्ति राम की अकथ कहानी, अमृतरस गुरुज्ञान वानी, भवसागर पार करे प्रभु श्री राम विजय हरि नाम।” अमित पण्डा ने कृष्ण सुदामा प्रसंग को शब्दों में उकेरते हुए घनाक्षरी छंद में शब्द देते हुए “अपने ही हाथन से एक-एक पग धोए, करत श्रृंगार ओके बनवारी है” भावपूर्ण स्वर में गाया। परिवार से पवनेश मिश्र ने भरत-हनुमान मिलाप को राधेश्यामी छंद में शब्द देते हुए “प्रति पल पूजा प्रति क्षण सेवा प्रति स्वास राम आभारी है। दो भक्त मिले जो भजें राम कहते धन्य धन्य अधिकारी हैं॥” डॉ. अंजू सेमवाल, भगवानदास शर्मा, प्रमोद पटले, डॉ. श्याम बिहारी मिश्र, शोभा प्रसाद, सुनील खुराना, डॉ. मंजू शकुन खरे, डॉ. शशि जायसवाल और दीदी राधाश्री शर्मा आदि ने भी काव्य पाठ किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में ज्योति प्यासी ने सहभागी सृजनकारों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए काव्य संध्या को सफल बताया। अतिथि श्री बहुखंडी ने आयोजन पर संतोष प्रकट करते हुए सभी से अधिक से अधिक रचनाओं को सुनने की अनुशंसा की।
संस्थापक श्रीमती राधाश्री शर्मा ने सभी सहभागी सृजनकारों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि भगवान भक्तों की निष्काम भक्ति से स्वयं बंध जाते हैं, इसीलिए कहा जाता है कि भक्ति की शक्ति से सब कुछ संभव है।