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कवियों ने किया सभागार गुंजायमान, शोध-पत्र पढ़े

अयोध्या (उप्र)।

ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और साकेत महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘रामकथा की विश्व व्यापकता’ विषय पर राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया। अध्यक्षता पत्रिका ‘सौरभ’ के प्रधान संपादक डॉ. हरिसिंह पाल ने की।

मुख्य अतिथि अयोध्या के महापौर और सुपरिचित रामकथा विशेषज्ञ डॉ. गिरीश पति त्रिपाठी रहे। आयोजन में साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दानपति तिवारी और बिहार लोकसेवा आयोग पटना के सदस्य डॉ. अरुण कुमार भगत विशिष्ट अतिथि के रूप में आसीन हुए। शुभारंभ एजीआई के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री स्व. डॉ. श्यामसिंह शशि के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ हुआ। इसमें तामिलनाडु, केरल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और दिल्ली आदि के विद्वान साहित्यकारों ने वर्तमान में रामकथा की प्रासंगिकता, राम और रामचरित मानस में शिक्षा और लोकजीवन में राम विषय पर केन्द्रित शोध पत्रों का वाचन किया। अशोक अश्रु, डॉ. सुषमा सिंह, डॉ. रेखा कक्कड़ और श्रुति सिन्हा ने शोध पत्रों का वाचन किया। कार्यक्रम में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में डॉ. राजेंद्र मिलन, दुर्गविजय सिंह दीप और नूतन ज्योति आदि ने अपने गीतों पर श्रोताओं की तालियों से सभागार गुंजायमान कर दिया। सफल संचालन एजीआई के महासचिव डॉ. शिवशंकर अवस्थी ने किया।