हैदराबाद (तेलंगाना)।
कहानीवाला आर्ट्स एंड थिएटर की ओर से बंजारा हिल्स स्थित लामकान में ‘कहानीघर’ नाटक का मंचन किया गया। इसमें विविध कहानियाँ सुनाई गईं, जिन्हें सबने खूब सराहा।
इस संदर्भ में सुहास भटनागर ने बताया कि आज के दौर में कहानियों को अभिव्यक्ति के लिए मंच नहीं मिलता, ऐसे में समूह की इस पहल को सार्थक प्रयास माना जा सकता है। समूह के ६ प्राथमिक सदस्यों ने अपनी प्रस्तुति दी। इसमें अरविन्द शर्मा, डॉ. राजश्री डूगर आदि शामिल रहे। सर्वप्रथम नेहा सुराणा भंडारी ने अमृता प्रीतम की मशहूर कविता ‘मैं तेनु फेर मिलांगी’ से प्रेरित कहानी सुनाकर श्रोताओं को बाँध लिया।इसी क्रम में संघमित्रा मलिक ने ‘मैंने मुड़कर देखा’ के अंतर्गत अपने जीवन से सम्बंधित किस्से, अरविन्द शर्मा ने कहानी ‘मामा की बेटी’ और रवि वैद ने कहानी ‘पोर्ट्रेट’ सुनाई। सुदेष्ना सामंत ने छोटी पर भावुक कहानी ‘बेटी का पिता’ और ‘कोशिश’ सुनाई।
कार्यक्रम में श्रोता सभी कहानी सुनाने वालों से मिले और अपने अनुभव सांझा किए। नेहा सुराणा ने आभार प्रकट किया।