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क्यों खफा है गौरैया ?

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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मेरी छुटकी गौरैया,
प्यारी गौरैया
तुम कहां हो,
ज़िन्दगी मेरी तुम क्यों खफा हो
बतला तो सही,
क्यों जुदा हो गई हो।

जन्नत जहन्नुम बन गई है तेरे बगैर,
तुम क्यों हो बेखबर
खेत-खलिहान में,
कीट-पतंगों का हो रहा है आगाज़
तुम्हारी नहीं आ रही,
मीठी मुस्कान के संग
कोमल धुन वाली आवाज।

आ आ आ,
मेरे घर-आँगन को गुलजार कर
ज़िन्दगी के सफ़र में,
खुशियाँ बिखेरने पर कार्य कर।

जीवन-शैली में बदलाव कर,
सुबह-सुबह मेरे जीवन में
सुख-शांति के लिए मुझे आवाज कर,
आ अपने झुण्ड से
प्यारी-सी गुड़िया बन कर,
मद्धिम आहट पर मुझे आगाह कर
आ आ आ कर,
मेरे बचपन की मीठी यादें,
आकर तरोताजा कर।

छत की मुंडेर आज़ सूनी है,
अपने बेगाने हो गए हैं
न तेरी पहचान नज़र आती है,
तुम्हारे ख्वाबों में खुशहाली,
खत्म हुई नज़र आती है।

घरेलू चौखट पर दस्तक नहीं है आज़,
जबसे बन्द हुई है तेरी आवाज़
आज़ भी हमें याद है तुम्हारी शरारत,
तुमसे फिर भी नहीं है
कोई शिकवा-शिकायत।

आज़ मेरे खेतों की हरियाली कहां है,
तेरी नादानियाँ नहीं दिखती यहां है
कीट-पतंगों का उत्पात जोरों पर है आज़,
नहीं है साथ कोई रोकने को कोई हाथ।

आज़ ज़िन्दगी में खूब शोर है,
मगर हम सब तेरे बगैर कमजोर हैं
घर की खुशियाँ खत्म हुई,
तुम्हारी यादें गुजरे कल की बातें बनीं।

आज़ मुझे तेरी ज़रूरत है,
बड़ी शिद्दत से हरपल
महसूस होती तेरी अहमियत है,
आज़ भी ज़िन्दगी की छाँव है तू
घर घर में उन्नत पहचान है तू।

तेरी चहचहाहट आज़ बच्चे भूल चुके हैं,
यादें आज़ इतिहास बन चुकी है।
ख़बर गरम कर आज़ आजा यहां,
तेरे बगैर गुजरता नहीं है यह समां॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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