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गजानन आ जाओ इक बार

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ 
उदयपुर(राजस्थान)

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विघ्नहर्ता गजानंद विशेष….

गजानन आ जाओ इक बार
हो कर मूषक जी पर सवार,
आने की करते हम अरदास
करिए हमारे अंगना निवास,
करिए पूरण सफल ये काज
गजाननजी आ जाओ आज।

सबसे पहले आप को आना
संग रिद्धि-सिद्धि को लाना,
कार्य शुभ-मंगल होंगें शुरु
सर्व जगत के आप हैं गुरू,
मिट जाएंगें सब कष्ट-बाधा
काम रहे नहीं कोई आधा,
निर्विघ्न हो जाते हैं सब पूरे
आप ही आराध्य ईश हैं मेरे,
कृपा करें नहीं हो कभी हार
गजानन आ जाओ इक बार।

शुभ-लाभ आप संग आते
त्रिदेव का भी आशीष पाते,
श्रृद्धा भक्ति से आरती गांऊं
श्री चरणों में, मैं शीश नवाऊं,
मोदक लड्डू का लगा भोग
मुझे बनाइए कृपा के योग्य,
आशीर्वाद दे दीजिए स्वामी
माफ करिए सब मेरी खामी।
आपके बिना ना पड़ेगी पार,
गजानन आ जाओ इक बार॥

परिचय–संजय गुप्ता साहित्यिक दुनिया में उपनाम ‘देवेश’ से जाने जाते हैं। जन्म तारीख ३० जनवरी १९६३ और जन्म स्थान-उदयपुर(राजस्थान)है। वर्तमान में उदयपुर में ही स्थाई निवास है। अभियांत्रिकी में स्नातक श्री गुप्ता का कार्यक्षेत्र ताँबा संस्थान रहा (सेवानिवृत्त)है। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप समाज के कार्यों में हिस्सा लेने के साथ ही गैर शासकीय संगठन से भी जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता,मुक्तक एवं कहानी है। देवेश की रचनाओं का प्रकाशन संस्थान की पत्रिका में हुआ है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जिंदगी के ५५ सालों के अनुभवों को लेखन के माध्यम से हिंदी भाषा में बौद्धिक लोगों हेतु प्रस्तुत करना है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-तुलसीदास,कालिदास,प्रेमचंद और गुलजार हैं। समसामयिक विषयों पर कविता से विश्लेषण में आपकी विशेषज्ञता है। ऐसे ही भाषा ज्ञानहिंदी तथा आंगल का है। इनकी रुचि-पठन एवं लेखन में है।

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