कुल पृष्ठ दर्शन : 25

गहराइयों में…

हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
************************************

गहराइयों में तलाश रहा हूँ मैं,
तुम कभी तो मिलोगी
आज में अजनबी जरुर हूँ,
कल हमारी मुलाकात जरूर होगी।

पहली बार तुझको जबसे देखा है,
तेरा ही चेहरा दिल में बसाए हुए हूँ
प्यार-मोहब्बत दिल का यह मेल-जोल,
गहराइयों में तलाश रहा हूँ मैं।

तुझको ना देखूं तो दिल को आराम कहाँ,
तुझे पाने के लिए बेताब हूँ मेरी मोहब्बत।
तू मिल जाए तो यह ज़हान मिल जाए,
इसलिए गहराइयों में तलाश रहा हूँ मैं…॥