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छात्रों को हिंदी में सोचने और बोलने के लिए प्रेरित करें

हैदराबाद (तेलंगाना)।

भाषा अर्जित संपति है, उसे अनुकरण के माध्यम से सीखा जाता है। शिक्षक असली गौरव के हकदार हैं, क्योंकि वे भाषा को परिमार्जित करते हैं। हिंदी की कक्षा में छात्रों को हिंदी में सोचने और हिंदी में बोलने के लिए प्रेरित करें। हिंदी का प्रचार-प्रसार हमारी प्रतिबद्धता के कारण ही संभव है।
यह बात मुख्य अतिथि के नाते
वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्वाध्यक्ष प्रो. आई.एन. चंद्रशेखर रेड्डी ने कही। अवसर रहा
केंद्रीय हिंदी संस्थान (आगरा) के हैदराबाद केंद्र पर नवीकरण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह का। इसकी अध्यक्षता संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने की। कार्यक्रम संयोजक केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे एवं पाठ्यक्रम प्रभारी डॉ. फत्ताराम नायक रहे। प्रो. वानोडे ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दी।
निदेशक प्रो. कुलकर्णी ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता में सर्वप्रथम नवीकरण कार्यक्रम में आए सभी शिक्षक प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रतिभागी अध्यापकों ने अपनी जिज्ञासा प्रकट की। संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नायक ने किया।