सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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ख़ुशियों का त्यौहार लो देखो आया है,
बच्चों ने होली में धमाल मचाया है।
मौसम ने भी ली अँगड़ाई
सर्दी बिदा ग्रीष्म है आई,
सूरज ने भी ताप दिखाया
अनबन की हो गई बिदाई।
चलो-चलो सब बाहर आओ
होली पर सब कीच मचाओ,
लाल, गुलाबी, नीले, पीले
गुब्बारों को चलो फुलाओ।
एक टंकी में रंग घोल कर
पिचकारी अपनी भर लाओ,
रिंकी, पिंकी, बबलू, डबलू
एक-एक को सब रंग लगाओ।
छूट न जाए कोई भाई,
साल बाद है होली आई।
गुझिया-पपड़ी स्वाद निराला,
सबने मिल कर होली मनाई॥