पुस्तक महोत्सव-कवि सम्मेलन..
पटना (बिहार)।
अंतर्राष्ट्रीय मंचों के लोकप्रिय कवि पं. बुद्धिनाथ मिश्र ने जैसे ही अपने गीत की ये पंक्तियाँ पढ़ी कि, ‘ज़रूरत क्या तुम्हारे रूप को श्रृंगार करने की! किसी हिरणी ने अपनी आँख में काजल लगाया क्या’, पटना पुस्तक महोत्सव का विस्तृत सभागार तालियों से गूंज उठा। अगली पंक्तियाँ श्रोताओं के दिल में ऐसी उतरी कि चारों तरफ वाह-वाह और आह-आह के ही स्वर थे।
सोमवार को पुस्तक मेला के मंच पर कोलकाता के ‘सदीनामा प्रकाशन’ तथा बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के संयुक्त तत्वावधान में सम्मेलन अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ की अध्यक्षता में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि गोष्ठी के संयोजक कवि सिद्धेश्वर’ रहे। युवा कवयित्री संस्कृति मिश्र ने इन पंक्तियों से श्रोताओं का दिल जीत लिया कि,’मेरा तुमसे रिश्ता वैसा, जैसा साँसों का धड़कन से, या फिर जैसा दक्षिण पवन का मलयागिरी के चंदन वन से!’ वरिष्ठ कवि मधुरेश नारायण, डॉ. भावना शेखर, ब्रह्मानंद पांडेय, प्रीति सुमन व कुमार पंकज आदि ने रचनाओं का पाठ किया।
संचालन ‘सदीनामा’ के संपादक जीतेन्द्र जितांशु ने किया।