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जिएंगे-मरेंगे हिंदुस्तान के लिए…

अमल श्रीवास्तव 
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

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गणतंत्र दिवस विशेष…..

मातृ भू के मान,स्वाभिमान के लिए,
गाँव,गली,खेत,खलिहान के लिए।
तिरंगे की आन,बान,शान के लिए,
जिएंगे-मरेंगे,हिन्दुस्तान के लिए॥

जात-पात,रंग-भेद को मिटाएंगे,
दीन,दुखियों को गले से लगाएंगे।
भटकों को सही रास्ता दिखाएंगे,
देश भक्ति-भाव फिर से जगाएंगे॥

त्याग के लिए भी,बलिदान के लिए,
जिएंगे-मरेंगे हिन्दुस्तान के लिए…॥

जन-गण-मन की बजेगी सरगम,
हर स्वांस गाएगी वंदे मातरम।
दुश्मनों की आँख को निकाल लेंगे हम,
गद्दारों से बचाएंगे देश व धरम॥

जगत गुरू की पहचान के लिए,
जिएंगे-मरेंगे हिन्दुस्तान के लिए…॥

देश अपना जब अविभाज्य था,
पूरे विश्व में हमारा साम्राज्य था
अहिंसा-अहिंसा हम रटते रहे,
इसीलिए मरते व कटते रहे॥

भावी के लिए भी,वर्तमान के लिए,
जिएंगे-मरेंगे हिन्दुस्तान के लिए…॥

गांधार कटा तो ईरान बन गया,
आर्यावर्त आधा,अफ़गान बन गया।
आजादी के समय ये विधान बन गया,
एक अंग कट के पाकिस्तान बन गया॥

शेष जो बचा है उसके मान के लिए,
जिएंगे-मरेंगे हिन्दुस्तान के लिए…॥

देश में गद्दार गर बढ़ जाएंगे,
ये हमारी छातियों में चढ़ जाएंगे।
अपने ही देश में पराए होंगे हम,
अपने ही घर में हो जाएंगे बेदम॥

ऐसे संकटों के समाधान के लिए,
जिएंगे-मरेंगे हिन्दुस्तान के लिए…॥

राष्ट्र के अतीत की न अस्मिता मिटे,
और वर्तमान की न भव्यता घटे।
संस्कृति की न अपने दिव्यता छटे,
मुख्य धारा से न कोई सभ्यता कटे॥

नाम के लिए भी,प्रतिमान के लिए,
जिएंगे-मरेंगे हिन्दुस्तान के लिए॥

रूस,अमरीका,इजराइल,चीन में,
कोई साँप पालता न आस्तीन में।
कहां है हमारे देशभक्त आजकल,
कहां खो गया है उनके बाजुओं का बल॥

हो जाओ तैयार घमासान के लिए,
जिएंगे-मरेंगे हिन्दुस्तान के लिए॥

परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैL गणित विषय से बी.एस-सी.करने के बाद ३ विषयों (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैL आपने रामायण विशारद की भी उपाधि गीता प्रेस से प्राप्त की है,तथा दिल्ली से पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैL भारतीय संगीत में भी आपकी रूचि है,तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत में डिप्लोमा प्राप्त किया हैL इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स मुंबई द्वारा आयोजित परीक्षा `सीएआईआईबी` भी उत्तीर्ण की है। ज्योतिष में पी-एच.डी (स्वर्ण पदक)प्राप्त की हैL शतरंज के अच्छे खिलाड़ी `अमल` विभिन्न कवि सम्मलेनों,गोष्ठियों आदि में भाग लेते रहते हैंL मंच संचालन में महारथी अमल की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैL देश की नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंL रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैL आप विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हैंL आप अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बचपन से प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैं,परन्तु महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना है। देश की विभिन्न सामाजिक और साहित्यक संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आपको सम्मानों की संख्या शतक से भी ज्यादा है। आप बैंक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. अमल वर्तमान में बिलासपुर (छग) में रहकर ज्योतिष,साहित्य एवं अन्य माध्यमों से समाजसेवा कर रहे हैं। लेखन आपका शौक है।

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