सीमा जैन ‘निसर्ग’
खड़गपुर (प.बंगाल)
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गुरु पूर्णिमा विशेष…
बाल विद्याधर से विद्यासागर हुए,
घोर तपस्या कर ज्ञान के सागर बने
कलयुग में ऐसे परम तपस्वी को,
न सुना… न सोचा था किसी ने।
शरद पूर्णिमा को जन्मे गुरुवर,
जैन धर्म की तेजस्वी है धरोहर
श्रेष्ठ कर्मों से मिला अक्षय-पुण्य का,
जैनियों को अनगिनत आशीष है।
जिन शासन का ओजस्वी सूर्य अस्त हुआ,
किंतु समाधिमरण से जो सम्पूर्ण हुआ
देह चाहे छूट गई आचार्य श्री की पर,
धर्म को विलक्षण तप से दैदीप्यमान किया।
वादा करते हैं, ये जलती शमा ज्ञान की,
कभी न बुझने देंगे… प्रत्येक जैन नामी
तस्वीर उनकी प्रतिपल पलकों पर ठहरी,
जब चाहे… आचार्य श्री के दर्शन कर लेंगे॥