कुल पृष्ठ दर्शन : 10

You are currently viewing झुकना कभी न जाना

झुकना कभी न जाना

सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
**********************************

साहस पौरुष बल है मेरा
झुकना कभी न जाना,
आगे-आगे चला सदा ही-
मुश्किल कुछ नहीं, माना।

इच्छा-शक्ति न मरने देना
यही गुरु से मिली है शिक्षा,
हाथ नहीं हैं फैलाने को-
नहीं माँगना किसी से भिक्षा।

सुनी सदा अपने अन्तर की
हिम्मत उसने सदा बढ़ायी,
पल-पल मुझे सहारा देकर-
जीत मुझे हर बार दिलायी।

हाथ से साध निशाना अच्छा,
तीरंदाज़ी सब कर लेते।
एक निशाना तय करने पर-
ईश्वर भी सम्बल दे देते॥