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‘झूठ’ सच का दुश्मन

संजय एम. वासनिक
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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सच का दुश्मन,
सच्चाई का विरोधी
यह झूठ है
जो हमेशा ही,
दु:ख देता है।

झूठी इच्छाएँ
दु:ख देती हैं,
झूठे मूल्य और
झूठे विचार
दुःख देते हैं,
और डर पैदा करते हैं।

लोगों के बीच झूठे रिश्ते,
परेशान करते हैं
झूठ की बुनियाद,
बहुत कमजोर होती है
झूठ हमेशा जीत नहीं सकता,
और हम हार जाते हैं।

झूठ को त्याग दो,
सत्य का स्वीकार करो
तुम दर्द से, दु:ख से
मुक्त हो जाओगे,
सत्य खुशी देता है
सत्य मुक्ति देता है।
सत्य ही सुंदर है,
सत्य ही शाश्वत है॥