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तलाश है जीवन साथी की

कल्याण सिंह राजपूत ‘केसर’
देवास (मध्यप्रदेश)
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बहार-ऐ-गुलिस्ता की खुशबू के लिए,
पूरा चमन क्या, एक फूल ही काफी है।

चाहे फूलों का हार न हो,
कलियों-सी एक मुस्कान ही काफी है।

‘केसर’ कहाँ समुद्र मांगता है,
प्यास बुझाने के लिए तो दो घूंट पानी ही काफी है।

कौन मरते दम तक सच्चा साथ निभाता है,
आनंद, सुकून और प्यार के
संग बिताए जिंदगी में,
ऐसे जीवन साथी की तलाश है।

अंधेरा मिटाने के लिए सूरज न मिले कोई गम नहीं,
रोशनी के लिए एक दीया ही काफी है ‘केसर’॥