हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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तुम हमारे ही रहना,
कभी जुदा ना होना
सफ़र है दो दिलों के प्यार का,
तुम साथ देते रहना।
तेरे बिन क्या दुनिया-जहान,
प्यार के सफ़र में तुम साथ देना
साथी बन हमेशा साथ निभाते रहना,
तुम साथ देते रहना।
हँसते-गाते बीत रहा है यह साथ,
हम दोनों के इस प्यार को किसी की नजर ना लगे
ये प्यार हमेशा निभाएंगे हम दोनों,
तुम साथ देते रहना।
हमारे इस प्यार को जमाना नहीं समझेगा,
दो दिलों के इस मिलन को क्या जाने जहान ?
रिश्तों के इस प्यारे बंधन को क्या समझेगा जमाना ?
पर तुम साथ देते रहना…॥