कुल पृष्ठ दर्शन : 15

You are currently viewing तुम हो दीनदयाल

तुम हो दीनदयाल

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
******************************************************

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम…

विनय करो स्वीकार प्रभु, तुम हो दीनदयाल।
महादेव शिव शम्भु श्री, शशि धारक निज भाल॥

शशि धारक निज भाल हे, पशुपति भोलेनाथ।
चरण वंदना आपकी, रहियो नित मम् साथ॥

रहियो नित मम् साथ अब, हे शिव शिवा महेश।
सुबह-शाम शत्-शत् नमन, दूर करो सब क्लेश॥

दूर करो सब क्लेश प्रभु, हो तुम वैद्य महान।
कृपा मिले जब आपकी, सुखी बने इंसान॥

सुखी बने इंसान सब, हे भोले नटराज।
अंतर्मन मन से आपकी, करें प्रार्थना आज॥

परिचय- बोधन राम निषादराज की जन्म तारीख १५ फरवरी १९७३ और स्थान खम्हरिया (जिला-बेमेतरा) है। एम.कॉम. तक शिक्षित होकर सम्प्रति से शास. उ.मा.वि. (सिंघनगढ़, छग) में व्याख्याता हैं। आपको स्व.फणीश्वर नाथ रेणू सम्मान (२०१८), सिमगा द्वारा सम्मान पत्र (२०१८), साहित्य तुलसी सम्मान (२०१८), कृति सारस्वत सम्मान (२०१८), हिंदीभाषा डॉट कॉम (म.प्र.) एवं राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (२०१९) सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। प्रकाशित पुस्तकों के रूप में आपके खाते में हिंदी ग़ज़ल संग्रह ‘यार तेरी क़सम’ (२०१९), ‘मोर छत्तीसगढ़ के माटी’ सहित छत्तीसगढ़ी भजन संग्रह ‘भक्ति के मारग’ ,छत्तीसगढ़ी छंद संग्रह ‘अमृतध्वनि’ (२०२१) एवं छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल संग्रह ‘मया के फूल’ आदि है। वर्तमान में श्री निषादराज का बसेरा जिला-कबीरधाम के सहसपुर लोहारा में है।