हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
************************************
मौसम हो गया सुहाना,
अब आ जाओ,
क्योंकि यह दिल है दिवाना
रिमझिम बारिश की फुहारों में,
मन मचलता है
मयूर नाचता है,
क्योंकि यह दिल है दीवाना।
कुहू-कुहू कोयल बोलती है,
घर-आँगन में बच्चों की अटखेली है
बारिश की हर बूँद में ना जाने कैसा एहसास है,
हर जगह हर वक्त तेरी ही बात है।
छपक-छपक कर पानी में चलना,
यह मस्ती व दीवानगी का ही जादू है
बारिश के इस मौसम में,
हर जगह सिर्फ पानी का शोर है।
एक-दूसरे का यह साथ है,
जन्म-जन्म की बात है
प्यार के इन पलों में सिर्फ,
बारिश की बात है।
मयूर नाचता है,
क्योंकि यह दिल है दीवाना…॥