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नदी की गुहार

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ 
मनावर(मध्यप्रदेश)
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जिंदगी क्या है,
एक बहती नदी
जो सुख-दुःख के,
किनारों से
टकराकर चलती।

चलती तो है,
जब दुःख का
पहाड़ गिरता,
तो बादल से
रिश्ते,
मुँह मोड़ लेते।

नदियाँ,
सूखने लगती
पत्थर नग्न हो जाते,
मानो किसी ने
गरीबी को उघाड़ दिया।

बादल को लगाई अर्जी,
मौसम में आना जरूर
क्योंकि ये तुम्हारा,
कर्तव्य जो है।

स्वागत हेतु,
प्रकॄति के रिश्तेदार
अभिवादन की,
टक-टकी लगाकर
निहारते तुम्हें।

तुम बरसोगे तो ही,
मैं बहूँगीऔर किनारों पर बसे
लोगों से,
कहती जाऊंगी-
बादल मेरे जीवन के
प्राण हैं,
रिश्ते हैं
अर्पण है,
समर्पण है।

तुम्हारे बरसने से ही,
लोग पूजते मुझे
सूखने पर बन जाती,
रास्ता राहगीरों का।

घाट सूने,
बन जाते निर्जीव
आचमन की आस हो जाती,
कोसों दूर
कोई भगीरथ ही इस झोली को,
गहरा कर
पुण्य ले सकता।

गहराने से,
बह तो नहीं सकती
स्थिर तो रह सकती,
जहाँ कोई प्यासा प्राणी
कम से कम,
अपनी प्यास तो बुझा सके।

नहीं तो,
जैसी मेरी कई बहिनें
विलुप्त हुई,
वैसे ही मैं
तो विलुप्त होने से बच जाऊंगी।
लोगों को,
दर्शन और प्यास से
अपना वर्चस्व बताऊंगी॥

परिचय-संजय वर्मा का साहित्यिक नाम ‘दॄष्टि’ है। २ मई १९६२ को उज्जैन में जन्में श्री वर्मा का स्थाई बसेरा मनावर जिला-धार (म.प्र.)है। भाषा ज्ञान हिंदी और अंग्रेजी का रखते हैं। आपकी शिक्षा हायर सेकंडरी और आयटीआय है। कार्यक्षेत्र-नौकरी( मानचित्रकार के पद पर सरकारी सेवा)है। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज की गतिविधियों में सक्रिय हैं। लेखन विधा-गीत,दोहा,हायकु,लघुकथा कहानी,उपन्यास, पिरामिड, कविता, अतुकांत,लेख,पत्र लेखन आदि है। काव्य संग्रह-दरवाजे पर दस्तक,साँझा उपन्यास-खट्टे-मीठे रिश्ते(कनाडा),साझा कहानी संग्रह-सुनो,तुम झूठ तो नहीं बोल रहे हो और लगभग २०० साँझा काव्य संग्रह में आपकी रचनाएँ हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं में भी निरंतर ३८ साल से रचनाएँ छप रहीं हैं। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में देश-प्रदेश-विदेश (कनाडा)की विभिन्न संस्थाओं से करीब ५० सम्मान मिले हैं। ब्लॉग पर भी लिखने वाले संजय वर्मा की विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-मातृभाषा हिन्दी के संग साहित्य को बढ़ावा देना है। आपके पसंदीदा हिन्दी लेखक-मुंशी प्रेमचंद,तो प्रेरणा पुंज-कबीर दास हैंL विशेषज्ञता-पत्र लेखन में हैL देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-देश में बेरोजगारी की समस्या दूर हो,महंगाई भी कम हो,महिलाओं पर बलात्कार,उत्पीड़न ,शोषण आदि पर अंकुश लगे और महिलाओं का सम्मान होL

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