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नमन भवानी

सरोज प्रजापति ‘सरोज’
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
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सृष्टि रचयिता, आदि शक्ति
पाप नाशिनी भवानी
है शत्-शत् नमन हे शिव शक्ति,
कर कल्याण हे कल्याणी।

दुर्गा अखिल दुर्गति नाशिनी,
सद्गति दे गति ‌प्रदायिनी
गौरी, अखिल दुर्गुण नाशिनी,
सामर्थ्य शक्ति प्रदायिनी।

जगताधार जगत अम्बे तू ही,
शक्ति आधार पूजा तू
अद्भुत ब्रह्मस्वरूपा तू ही,
विराट शक्ति ‘ब्रह्मांड’ तू।

भटका मार्ग तू दिखाए पथ,
नाश करती रंज क्रोध
है अति विनम्र सहज पवित्र,
अनुग्रह हो जब अवरोध।

ऊर्जा नव भरती है हरदम,
मिटा निराशा तिमिर अहम्
सौगात नव जीवन हरदम,
दिखा दे प्रकाश उबार बह्म

तू साक्षात ब्रह्म स्वरूपा,
तू विद्या बुद्धि की दात्री
तू तंत्र-मंत्र सिद्धि स्वरूपा,
तू पूजा, शक्ति नवरात्रि।

हे! श्वेत वस्त्र पुष्प खड्ग धारिणी,
सत्कर्म साकार पथ दिखा
सौम्य सरल हे! विमले,
गौरव, ज्ञान भण्डार दिला।

माँ, स्वाभिमान नारी जगत,
विराजो, चौकी सजाऊं
माँ श्रद्धा श्रृंगार कराऊं,
दे प्रेरणा फल पाऊं।

हम तेरी दया के आश्रित,
कर भूल क्षमा हे गिरिजा।
हैं बालक अति विमूढ़,
करो रहम, अर्ज हे शैलजा॥

परिचय-सरोज कुमारी लेखन संसार में सरोज प्रजापति ‘सरोज’ नाम से जानी जाती हैं। २० सितम्बर (१९८०) को हिमाचल प्रदेश में जन्मीं और वर्तमान में स्थाई निवास जिला मण्डी (हिमाचल प्रदेश) है। इनको हिन्दी भाषा का ज्ञान है। लेखन विधा-पद्य-गद्य है। परास्नातक तक शिक्षित व नौकरी करती हैं। ‘सरोज’ के पसंदीदा हिन्दी लेखक- मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा हैं। जीवन लक्ष्य-लेखन ही है।