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नया जीवन मिला

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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नया जीवन मिला हमको, यही सच बात है यारों।
मेरे घर में भरी खुशियाँ, झड़ी बरसात है यारों।

बड़ा आसां हुआ जीना, मेरा फिटनेस बॉडी से,
एनर्जी आ गई तन में, सुहानी रात है यारों।

बताते हैं सभी कोचें, रहें कैसे निरोगी हम,
हुआ अब सन्तुलित भोजन, मिली सौगात है यारों।

सुबह उठना मेरी आदत, तभी से बन गई देखो,
गरम पानी किया पीना, सुबह शुरूआत है यारों।

कराते डांस औ कसरत, रहे फिटनेस बॉडी ये,
सुनाते बात अनुभव की, बड़ा जज्बात है यारों।

सिखाते जानकारी सब, निरोगी देह हो कैसे,
करें उपयोग जीवन में, ये कायनात है यारों।

बदल ली जिंदगी अपनी, मनातें जश्न हैं मिलकर,
‘विनायक’ आपसे कहता, नहीं खैरात है यारों॥

परिचय- बोधन राम निषादराज की जन्म तारीख १५ फरवरी १९७३ और स्थान खम्हरिया (जिला-बेमेतरा) है। एम.कॉम. तक शिक्षित होकर सम्प्रति से शास. उ.मा.वि. (सिंघनगढ़, छग) में व्याख्याता हैं। आपको स्व.फणीश्वर नाथ रेणू सम्मान (२०१८), सिमगा द्वारा सम्मान पत्र (२०१८), साहित्य तुलसी सम्मान (२०१८), कृति सारस्वत सम्मान (२०१८), हिंदीभाषा डॉट कॉम (म.प्र.) एवं राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (२०१९) सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। प्रकाशित पुस्तकों के रूप में आपके खाते में हिंदी ग़ज़ल संग्रह ‘यार तेरी क़सम’ (२०१९), ‘मोर छत्तीसगढ़ के माटी’ सहित छत्तीसगढ़ी भजन संग्रह ‘भक्ति के मारग’ ,छत्तीसगढ़ी छंद संग्रह ‘अमृतध्वनि’ (२०२१) एवं छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल संग्रह ‘मया के फूल’ आदि है। वर्तमान में श्री निषादराज का बसेरा जिला-कबीरधाम के सहसपुर लोहारा में है।