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निश्चय में इक शक्ति

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला(मध्यप्रदेश)
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शक्ति नवल इक चेतना, शक्ति दिव्यता-रूप।
जिसमें शीतल चाँदनी, है दिनकर की धूप॥

बिना शक्ति संकल्प ना, नहिं जीवन अभिराम।
शक्ति-संग गतिशीलता, मिलते नव आयाम॥

निश्चय में इक शक्ति है, जिसमें है आवेग।
शक्ति सदा उत्थान का, देती है नित नेग॥

नारी में अति शक्ति है, वह रखती नौ रूप।
सभी रूप कल्याणमय, सचमुच सदा अनूप॥

शब्दों में जो शक्ति है, वह नवचेतन-गान।
रहकर नित उद्देश्यमय, करो शक्ति का मान॥

शक्ति करे रचना नई, तो करती विध्वंस।
शक्ति लिए यदि रुग्णता, तो रावण अरु कंस॥

प्रेम रखे वह शक्ति जो, बिखराती उजियार।
यदि हो नेहिल शक्ति तो, परे हटे अँधियार॥

शक्ति ताल,सुर,लय बने, रच जाता संगीत।
दिल को हरकर गै़र को, भी कर ले जो मीत॥

शक्ति तभी जब साधना, वरना सब वीरान।
जाप और तप,योग के, बिना कहाँ उत्थान॥

शक्ति सदा ही पूज्य है, शक्ति रचे यशगान।
विनत रहो तब शक्ति का, होता है गुणगान॥

परिचय–प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैL आपका जन्म १९६१ में २५ सितम्बर को ग्राम प्राणपुर(चन्देरी,ज़िला-अशोक नगर, मप्र)में हुआ हैL एम.ए.(इतिहास,प्रावीण्यताधारी), एल-एल.बी सहित पी-एच.डी.(इतिहास)तक शिक्षित डॉ. खरे शासकीय सेवा (प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष)में हैंL करीब चार दशकों में देश के पांच सौ से अधिक प्रकाशनों व विशेषांकों में दस हज़ार से अधिक रचनाएं प्रकाशित हुई हैंL गद्य-पद्य में कुल १७ कृतियां आपके खाते में हैंL साहित्यिक गतिविधि देखें तो आपकी रचनाओं का रेडियो(३८ बार), भोपाल दूरदर्शन (६ बार)सहित कई टी.वी. चैनल से प्रसारण हुआ है। ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं(विशेषांकों)का सम्पादन कर चुके डॉ. खरे सुपरिचित मंचीय हास्य-व्यंग्य  कवि तथा संयोजक,संचालक के साथ ही शोध निदेशक,विषय विशेषज्ञ और कई महाविद्यालयों में अध्ययन मंडल के सदस्य रहे हैं। आप एम.ए. की पुस्तकों के लेखक के साथ ही १२५ से अधिक कृतियों में प्राक्कथन -भूमिका का लेखन तथा २५० से अधिक कृतियों की समीक्षा का लेखन कर चुके हैंL  राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में १५० से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति एवं सम्मेलनों-समारोहों में ३०० से ज्यादा व्याख्यान आदि भी आपके नाम है। सम्मान-अलंकरण-प्रशस्ति पत्र के निमित्त लगभग सभी राज्यों में ६०० से अधिक सारस्वत सम्मान-अवार्ड-अभिनंदन आपकी उपलब्धि है,जिसमें प्रमुख म.प्र. साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार(निबंध-५१० ००)है।

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