बहुत अच्छी बात-इतिहास रचा….
पूना (महाराष्ट्र)।
पढ़ने की संस्कृति को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू हुए पुणे पुस्तक महोत्सव ने इतिहास रच दिया है। इस महोत्सव में १० लाख से अधिक नागरिकों ने भाग लिया। इन्होंने २५ लाख से अधिक पुस्तकें खरीदीं, जिससे ४० करोड़ ₹ सेअधिक का कारोबार हुआ।
यह जानकारी महोत्सव के मुख्य संयोजक राजेश पांडे ने रविवार को दी। आपके अनुसार यह कारोबार पिछले साल की तुलना में ४ गुना अधिक है। पुणेकरों के जबरदस्त प्यार व समर्थन ने इस महोत्सव को राष्ट्रीय पहचान दिलाई है। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा फर्ग्यूसन कॉलेज मैदान में इस महोत्सव का समापन रविवार को हुआ। इसमें पुणेकरों ने भारी उत्साह दिखातेहुए ७०० स्टॉलों से लाखों पुस्तकें खरीदी। इसके अलावा पुणे बाल चित्रपट महोत्सव, बच्चों के लिए विभिन्न कार्यशालाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुणे लिट फेस्ट को भी जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। इस बार महोत्सव में भाग लेने वालों की संख्या ने १० लाख का आँकड़ा पार कर लिया, जिसमें ५० प्रतिशत युवा और २५ प्रतिशत बच्चे शामिल रहे। यह सकारात्मक संकेत है। इसमें १.५ लाख शालेय विद्यार्थी और उतने ही महाविद्यालय के भी शामिल हुए। महोत्सव को सामाजिक संचालर माध्यम पर भी भारी समर्थन मिला। १ से अधिक लोगों ने ऑनलाइन कार्यक्रमों का आनंद लिया।
🔹१०० से अधिक पुस्तक विमोचित
🔹इस महोत्सव में १०० से अधिक पुस्तकों का विमोचन किया गया और १ हजार से अधिक लेखकों ने कार्यक्रम में भाग लिया।