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पौराणिक भक्ति प्रसंगों से ऊर्जान्वित हुई ही कल्पकथा काव्य गोष्ठी

🔹बाल प्रतिभा कार्यक्रमों को समर्पित रहेगा नवंबर

सोनीपत (हरियाणा)।

२२१वीं ऑनलाइन काव्यगोष्ठी में पौराणिक भक्ति प्रसंगों की काव्य चर्चा ने आयोजन को ऊर्जान्वित किया। अध्यक्षता बिहार के वरिष्ठ साहित्यकार बिनोद कुमार पाण्डेय ने की।
प्रभु श्री राधा गोपीनाथ जी महाराज की कृपा से सद साहित्य हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था परिवार की संवाद प्रभारी ज्योति राघव सिंह ने बताया कि देव प्रबोधिनी एकादशी पर्व, खाटू नरेश श्याम बाबा जन्मोत्सव, रामभक्त बलिदान दिवस एवं संत नामदेव जी जयंती को समर्पित भक्ति काव्य संध्या में देशभर से विद्वान सृजनकार जुड़े। कुण्डली, दोहा, सजल, कवित्त, गीत, मुक्तक आदि काव्य रचनाओं के आयोजन के मुख्य अतिथि का पदभार उप्र के प्रबुद्ध साहित्य सुधि भगवानदास शर्मा ‘प्रशांत’ ने सम्हाला। शुभारंभ महाराष्ट्र के काव्य मर्मज्ञ विजय रघुनाथराव द्वारा संगीतमय गुरु वंदना, गणेश वंदना व सरस्वती वंदना के साथ हुआ। उत्तराखण्ड से डॉ. अंजू सेमवाल ने गंगा मैया को समर्पित दोहों में कहा ‘हर हर गंगे जो कहें करती बेड़ा पार, चरणों में माँ के सदा मिलता जीवन सार।’ उप्र के वरिष्ठ काव्य साधक डॉ. श्याम बिहारी मिश्र ने कहा ‘भजन बिना यह जीवन खोटा भजन भाग्य से होता, भजनानंदी भजन भाव से सदा लगाता गोता।’ बिनोद कुमार पाण्डेय ने कैकई माता समर्पित काव्य रचना में कहा ‘भर ली कैकई राम को अपने अंक, बोली तुम्हारे बिना हो जाऊंगी रंक’, श्री डांगे ने जीवन कर्म का लेखा-जोखा सम्हालने वाले चित्रगुप्त जी को समर्पित काव्य रचना में कहा ‘मानस पुत्र है सत्रावे नाभि कमल उत्पत्ति पावे, दानव नर यम देव की उत्पत्ति है जहान।’
ऐसे ही पवनेश मिश्र ने खाटू नरेश बाबा श्याम जी जन्मोत्सव को समर्पित काव्य रचना ‘मन का द्वार जो खोलेगा वो ही दर्शन पाएगा, मन की आँखें खोल रे प्राणी तुझे श्याम मिल जायेगा।’ सुनाई तो नंदकिशोर बहुखंडी, आत्म प्रकाश कुमार, ज्योति प्यासी, संपत्ति चौरे, दिनेश कुमार दुबे, श्रीपति रस्तोगी, अमित पण्डा, डॉ. मंजू शकुन खरे, रजनी कटारे, श्रीमती राधाश्री शर्मा आदि ने भी काव्य पाठ किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री पाण्डेय ने काव्य संध्या को सफल बताया और कहा कि ऐसे अनेक कार्यक्रमों की आवश्यकता है। अतिथि भगवान ‘प्रशांत’ ने सहभागी सृजनकारों की रचनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

आशुकवि भास्कर सिंह माणिक ने मंच संचालन किया। कल्पकथा संस्थापक दीदी राधा श्री शर्मा ने आभार सहित बताया कि कल्पकथा परिवार नवंबर २०२६ माह को बाल प्रतिभाओं के लिए समर्पित कर रहा है जिसमें कल्प भेंटवार्ता समेत अन्य कार्यक्रमों में देश-विदेश से मेधावी बाल कलाकार जुड़ेंगे।