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प्रेम का दीप जलाएं

ममता साहू
कांकेर (छत्तीसगढ़)
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दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)…

आओ दीवाली में दीप जलाएं,
भेदभाव को जड़ से मिटाएं।

प्रेम की बाती मन में जलाकर,
प्यार ही प्यार फैलाएं।

हर मन में ये भाव जगाएं,
छल-कपट को दूर भगाएं।

बांटे सभी को स्नेह और खुशियाँ,
जैसे दीप से दीप जलाएं।

तेज पुंज उज्जवल प्रकाश से,
अंधकार का नाश करें।

काम क्रोध और मोह को त्याग,
जीवन अपना साफ़ करें।

आशा-विश्वास का भाव भरें,
घृणा-द्वेष को दूर करें।

दीपों का यह उत्सव प्यारा,
माँ लक्ष्मी जी का ध्यान धरें॥