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बंधन जोड़े चलो

उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’
कटनी (मध्यप्रदेश )
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दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)…

दीप से दीप जलाते चलो, सबका मन महकाते चलो,
स्नेह से बंधन जोड़े चलो, सबको अपना बनाते चलो…।

दीपक की चमकती सुनहरी लौ की तरह जलते चलो,
अपने ज्ञान से जगत को रोशन सदैव करते तुम चलो…।

संसार में है बगिया बहुत फूलों की, महक फैलाते चलो,
जीवन में कैसे भी सुख और दुःख की नैया को फिर झेलो…।

पावन गंगा यमुना नर्मदा के तट पर पुण्य कमा लो,
जीवन में सद्कर्म करके मन के दीपक उज्जवल कर लो…।

‘उर’ से किए हर कार्य से आप धरा प्रसिद्धि पा लो,
मन की बगिया के हर पुष्प से जीवन ज्योति महका लो…॥