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बाल कवियों की उर्वर कल्पना से सुरभित हुई गोष्ठी

सोनीपत (हरियाणा)।

हिन्दी भाषा एवं सद साहित्य हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था परिवार ने २२५ वीं आभासी काव्य गोष्ठी में बाल कवियों को प्रस्तुति का अवसर दिया। इन कवियों की उर्वर कल्पना से गोष्ठी जोरदार तरीके से सुरभित होती रही।
मंच की संवाद प्रभारी ज्योति राघव सिंह ने बताया कि गोष्ठी होनहार बाल सृजनकारों की उर्वर कल्पना के पूर्व गुरु वंदना, गणेश वंदना व सरस्वती वंदना को पं. अवधेश प्रसाद मिश्र ‘मधुप’ समेत सभी सहभागियों ने समवेत स्वर में गाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। बाल कवियों की ऊर्जा और विद्वान शिल्पकारों के कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक विद्वान साहित्यकार श्रीमती मेघा अग्रवाल (नागपुर) ने की। मुख्य अतिथि भास्कर सिंह ‘माणिक’ उप्र से जुड़े।
कार्यक्रम में बाल कवि कु. पाखी जैन, कु. अनन्या शर्मा, कु. मिहू मनोज अग्रवाल, कु. सारिका, इशित कुमार मनमौजी, कु. प्राची वशिष्ठ, अम्बरीष मिश्र अंबुज, कु. अनुष्का सेमवाल, कु. आकांक्षा दुबे, कु. आयुषी चौधरी, शशांक तिवारी हर्ष, अविनाश सेमवाल, कु. गौरवी जैन ने बाल रचनाओं से मन मोह लिया।
दूसरे चरण में पं. अवधेश प्रसाद, भगवानदास शर्मा, बिनोद कुमार पाण्डेय, डॉ. श्याम बिहारी मिश्र, मेघा अग्रवाल, डॉ. मंजू शकुन खरे, आनंदी नौटियाल, डॉ. सुधांशु मिश्र, श्रीमती सांद्रा लुटावन, डॉ. अंजू सेमवाल, ज्योति प्यासी, मंगल कुमार जैन आदि वरिष्ठ सृजनकारों ने मंच को ऊर्जान्वित किया।
लगभग ५ घंटे तक गोष्ठी का मंच संचालन कल्पकथा परिवार से पवनेश मिश्र ने किया। श्रीमती ज्योति प्यासी द्वारा वन्दे मातरम् स्मरणोत्सव वर्ष में राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् का गायन किया गया।
कल्पकथा की संस्थापक राधा श्री शर्मा ने बाल प्रतिभाओं को समर्पित कार्यक्रम पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।