हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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अटल बिहारी वाजपेयी जन्म दिवस (२५ दिसम्बर) विशेष….
राष्ट्रवाद की अलख जगा कर,
वह चलें ‘पाञ्चजन्य’ का शंखनाद करके
‘राष्ट्रधर्म’ व ‘स्वदेश’ के मंथन में लगे रहे,
पूरा जीवन उनका रहा भारत पर ‘सदैव अटल…।’
उन्होंने भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाया,
राष्ट्र को समर्पित जीवन रहा सदा उनका
दूरदर्शी सोच और कवि हृदय में भी भारत सबसे पहले,
नये भारत के नव निर्माण में वह थे ‘सदैव अटल…।’
‘आत्मनिर्भर भारत’ के सजग प्रहरी, विश्व गुरु का मान बढ़ाया,
सुशासन के सिध्दांतों को उन्होंने देश में करके दिखाया
राष्ट्र निर्माण की इस वेदी पर उन्होंने हिन्दी का मान बढ़ाया,
भारत पर वह और उनके विचार हैं अमर, क्योंकि वह है ‘सदैव अटल…।’
मातृभूमि पर आँख दिखाने वालों को उन्होंने बहुत समझाया,
तभी तो भारत को परमाणु शक्ति का उन्होंने बल दिलाया
‘स्वर्णिम चतुर्भुज’ प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से देश को आगे बढ़ाया,
एक स्वयंसेवक, जनसंघ से जुड़ कर देश के प्रधानमंत्री रहे, जो ‘सदैव अटल…।’
उन्होंने हमेशा कहा कि हो कुछ भी हार नहीं मानूंगा,
उनके इस कर्त्तव्य बोध से हम सभी कुछ सीखें।
नई पीढ़ी ऐसे राष्ट्र पुरुष व कर्मयोगी का जीवन पढ़े,
जिन्होंने अपना सब कुछ भारत माता के चरणों में समर्पित कर दिया,
और जो रहे ‘सदैव अटल…॥’