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भारत में पहली बार फिल्म समीक्षा की जुड़वाँ पुस्तकें प्रकाशित

भोपाल (मप्र)।

वरिष्ठ फिल्म समीक्षक विनोद नागर की २ नयी पुस्तकों ‘सुबह सवेरे का सिने विमर्श’ और ‘सिने विमर्श सुबह सवेरे का’ का विमोचन राजधानी भोपाल के ज्ञानतीर्थ सप्रे संग्रहालय में हुआ। नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी के मुख्य आतिथ्य और वरिष्ठ पत्रकार एवं रंग समीक्षक गिरिजा शंकर की अध्यक्षता में आयोजित इस गरिमामय समारोह में अभिनेता राजीव वर्मा और कोरियोग्राफर श्रीमती वैशाली गुप्ता खास तौर पर मौजूद रहे।
शीर्षक साम्यता के चलते जुड़वां पुस्तकों के रूप में इन किताबों को देश में हिन्दी फिल्म समीक्षाओं की पहली कृति कहा जा रहा है। इनकी भूमिका और प्रस्तावना पत्रिका ‘माधुरी’ के पूर्व सम्पादक विनोद तिवारी एवं राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम ने लिखी है। ये पुस्तकें श्री नागर की फिल्म समीक्षाओं का संकलन है। लेखक ने पहली पुस्तक को राजधानी के ‘भोपाल टॉकीज’ सहित भारत के तमाम एकल पर्दा सिनेमाघरों की उजली यादों को समर्पित किया है, जबकि दूसरी इन्दौर के बिरले फिल्म पत्रकार स्व. बृज भूषण चतुर्वेदी ‘बीबीसी’ की पुण्य स्मृति को समर्पित है।
अतिथियों ने संग्रहालय में संगीत, नाटक और सिनेमा के विशेष खंड का शुभारम्भ भी किया।
संग्रहालय के संस्थापक निदेशक पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर और मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पलाश सुरजन सहित साहित्य के अनेक गणमान्य लोग समारोह में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन आनंद सिन्हा ने किया।