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महान तपस्वी

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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‘अटल’ जिंदगी…

यह एक अटूट सत्य है,
विश्वास और भरोसा भी
मन में शंका शून्य है,
अटल जिंदगी एकलव्य है।

कवि हृदय की बात मन में,
राजनीति कोश के
सर्वोत्तम संस्कार थे रखते,
दिल के अन्तर्मन में।

हुंकार भरी तस्वीर थे,
धीर-वीर-गम्भीर थे
उन्नत विचार और ज्ञान अपूर्व,
वाणी में था जोश प्रखर।

अजातशत्रु का हृदय विशाल,
उन्नत सोच और निष्ठा मिसाल
पर्वत-सा था दृढ़ संकल्प,
नहीं डिगा कभी पथ अटल।

वाणी का था गज़ब ओज व शौर्य,
जो विश्व के जन-जन ने देखा
संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल होकर,
दिया वक्तव्य हुआ बस एक झरोखा।

बुनियादी ढांचे पर गम्भीर विचार,
राजधर्म था सबसे उत्तम हथियार
हिन्दू तन-मन था एक संकल्प,
कभी नहीं उजड़ा यह प्रकल्प।

सुचिता, स्नेह और प्यार था धुरी,
नहीं किसी से रही कभी नहीं दूरी
प्रखर वक्ता थे उच्च विचार,
संसद के थे सबसे प्रिय अवतार।

सबसे दोस्ती सबसे प्यार,
नहीं रही कभी किसी से तकरार
सदैव अटल बना है ज्योति पुंज आज,
देश को देंगे विश्वास और सीख अटल।
महान् तपस्वी को हृदय से नमन,
गौरवान्वित आज़ है आर्य पटल॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।