सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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ख़ज़ाना है बड़ा अनमोल,
जीने का सहारा है
दुआएँ माँ की मिल जाएँ,
यही उपहार प्यारा है।
उदर में नौ महीने रख,
हमें संसार देती है
बड़ी प्यारी-सी ममता की,
वो हमको छाँव देती है।
गुरु जीवन की पहली माँ,
सिखाती क्या बुरा अच्छा
वही तो एक ऐसी है,
जो करती प्यार है सच्चा।
दुआएँ माँ की जीवन में,
अनोखी शक्ति देती हैं
बलाएँ लेती हैं माता,
चुभन सब दूर करती है।
छुअन माता की प्यारी-सी,
जब सिर पर हाथ रखती है
ये तपती रेत में भी,
शीत-सा अहसास देती है।
करो माता की सेवा तुम,
यही जन्नत बड़ी होती।
कमा लो तुम बड़ी दौलत,
निराली माँ बड़ी होती॥