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माँ की महिमा

गरिमा पंत 
लखनऊ(उत्तरप्रदेश)

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मातृ दिवस स्पर्धा विशेष…………


माँ कितनी महान होती है,
उसके चरणों में जन्नत होती है।
माँ की महिमा का क्या करूं वर्णन,
वह तो सारे ब्रह्मांड की माँ होती है।
देवता भी जिन्हें पूछते नहीं थकते,
ऐसी माँ हम सबकी पहचान होती है।
वह भूखा रहकर हम सबको खिलाती है,
यह उसकी ममता की पहचान होती है।
माँ कितनी महान होती हैंll

जिनकी माँ नहीं होती,वह कितने अभागे होते हैं,
पर माँ ही उनकी भी पहचान होती है।
नौ महीने गर्भ में रखकर हमें जन्म देती है,
यह उसकी शक्ति की पहचान होती है।
फिर क्यों हम सभी उसके त्याग भूल जाते हैं,
वह तो बच्चों के मुख की मुस्कान होती है।
माँ कितनी महान होती हैll

बीबी आने के बाद माँ को भूल जाते हैं,
पर माँ अपने बच्चों की परवाह करती है।
बच्चों का हर दु:ख अपने सर पर लेती है,
बच्चों के सुख-सेहत की परवाह करती है।
माँ तो महान होती है,
उसके चरणों में जन्नत होती है।
ऐसी माँ को मेरा शत-शत नमनll

परिचय-गरिमा पंत की जन्म तारीख-२६ अप्रैल १९७४ और जन्म स्थान देवरिया है। वर्तमान में लखनऊ में ही स्थाई निवास है। हिंदी-अंग्रेजी भाषा जानने वाली गरिमा पंत का संबंध उत्तर प्रदेश राज्य से है। शिक्षा-एम.बी.ए.और कार्यक्षेत्र-नौकरी(अध्यापिका)है। सामाजिक गतिविधि में सक्रिय गरिमा पंत की कई रचनाएँ समाचार पत्रों में छपी हैं। २००९ में किताब ‘स्वाति की बूंदें’ का प्रकाशन हुआ है। ब्लाग पर भी सक्रिय हैं।