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माँ ब्रह्मचारिणी परेशानी हरो

अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘ब्रह्मचारिणी’,
तप ज्योति
ध्यान का रूप,
सत्य धूप
सृष्टि।

‘ब्रह्मचारिणी’,
संयम-साधना
सृष्टि की मूरत,
एकाग्रता शक्ति
विश्वास।

‘ब्रह्मचारिणी’,
नियम-ध्यान
भक्ति हो तुम,
निरंतर तप
पहचान।

‘ब्रह्मचारिणी’,
कठिन राहें
तुम्हारा आशीर्वाद उजियारा,
तप फल
सीख।

‘ब्रह्मचारिणी’,
जीवन संघर्ष
माँ परेशानी हरो,
धैर्य टूटता
श्रद्धा॥