डॉ. कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’,
लखनऊ (उत्तरप्रदेश )
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श्रम आराधना विशेष…
मज़दूर दिवस की है शुभकामना,
श्रमिकों का होता यह दिन आज
मेहनत मज़दूरी करें जो जीवन भर,
रहें वह भरपेट भोजन के मोहताज।
निज श्रम करके ही सींच कर,
कृषक सभी उपजाते हैं अन्न
फिर भी आजीवन मजदूर बन,
यह वर्ग रहता है सदा विपन्न।
हल-बैल, फावड़ा, हँसिया धरे,
इस दुनिया का किसान चहुँ ओर
करे जुताई खेत की, रोटी खाता,
जग सभी, नाचे खलिहानों में मोर।
कारख़ाने-फ़ैक्टरियाँ इनके दम पर,
चलें, चलें मील और सारे उद्योग
पर मालिक नहीं कभी वह बन पाते,
मालिक होता है उनका कोई और।
वैसे दिवस कमजोरों का ही मनता है,
जैसे महिला दिवस, शिक्षक दिवस।
‘मजदूर दिवस’ पर ‘थानेदार दिवस’ नहीं,
‘आदित्य’ नेता या ‘माफिया दिवस’ नहीं॥