इंदौर (मप्र)।
हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सतत स्पर्धा की कड़ी में इस बार हिन्दी साहित्य में कालजयी कहानी सम्राट प्रेमचंद जी पर ‘मुंशी जी:कथा संवेदना के पितामह’ (प्रेमचंद जयंती विशेष) विषय पर स्पर्धा कराई गई। इस ८५ वीं प्रतियोगिता में उत्कृष्टता अनुसार गद्य में प्रथम विजेता बनने में डॉ. मुकेश ‘असीमित’ सफल रहे हैं तो बाबूलाल शर्मा बोहरा ‘विज्ञ’ ने पद्य में पहली जीत प्राप्त की है।
स्पर्धा के परिणाम जारी करते हुए यह जानकारी मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन व संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी। आपने बताया कि, श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने गद्य में ‘मुंशी प्रेमचन्द जी की कुर्सी’ व्यंग्य आलेख हेतु डॉ. मुकेश ‘असीमित’ (राजस्थान) को प्रथम क्रम पर चयनित किया है। इसी श्रेणी में द्वितीय विजेता ‘प्रेमचन्द जी की भाव अनुरागी साहित्य तरंगिणी’ आलेख पर डॉ. मीना श्रीवास्तव (महाराष्ट्र) एवं ‘कहानी सम्राट प्रेमचंद’ हेतु सरोजिनी चौधरी (मप्र) को तीसरा विजेता चयनित किया गया है।
मंच संयोजक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, परामर्शदाता डॉ. पुनीत द्विवेदी (मप्र), विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल व प्रचार प्रमुख ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है। श्रीमती जैन ने बताया कि, हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा नारद मुनि पुरस्कार-सम्मान एवं १ राष्ट्रीय कीर्तिमान प्राप्त १.५४ करोड़ २० हजार दर्शकों-पाठकों के अपार स्नेह और १० सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा कराई गई उक्त स्पर्धा में पद्य वर्ग में पहला स्थान श्री शर्मा (राजस्थान) की रचना ‘प्रेमचन्द जी युग लेखक’ ने पाया है, जबकि देवन्ती देवी चंद्रवंशी (झारखंड) की कविता ‘संवेदना ज्ञान सिखा गए मुंशी जी’ द्वितीय विजेता है।