ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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आज की सीता अब किसी रावण से नहीं डरेगी,
वो हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करेगी।
जीवन पथ पर चलकर वो ठोकर खा नहीं गिरेगी,
तूफानों से टकरा कर वो हर नैया को पार करेगी।
नहीं देगी अग्नि परीक्षा सीता अपना हक मांगेगी,
आँसू नहीं बहायेंगी,ना अब वो रातों में जागेगी।
अबला नहीं आज की नारी जो हर पल गम सहेगी,
नहीं डरेगी शैतानों से वो अपने मन की बात कहेगी।
महकेगा फूलों से गुलशन सच्चाई की खुशबू बहेगी,
नारी नाम उपासना का,ये हर जुबां दिल से कहेगी॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।