संजय एम. वासनिक
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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मुस्कुराहट में कुछ भी खर्च नहीं होता,
लेकिन यह बहुत कुछ देती है
यह पाने वालों को समृद्ध बनाती है,
ना देने वालों को गरीब बना देती है।
इसमें बस एक पल लगता है,
वह पल हमेशा के लिए रहता है।
कोई भी इतना अमीर या शक्तिशाली नहीं है,
कि वह इसके बिना काम चला सके
और कोई भी इतना गरीब नहीं है,
कि वह इससे अमीर न बन सके।
मुस्कुराहट घर में खुशियाँ लाती है,
व्यापार में सद्भावना बढ़ाती है
और दोस्ती की निशानी बनती है,
यह थके हुए को आराम देती है
निराश को खुश करती है।
दुखी को सुख देती है,
मुसीबत के लिए प्रकृति की
सबसे अच्छी दवा है,
फिर भी-
इसे खरीदा नहीं जा सकता,
भीख में नहीं लिया जा सकता,
उधार माँगा नही जा सकता या
चुराया नहीं जा सकता,
क्योंकि यह ऐसी चीज़ है
जिसका किसी के लिए,
कोई मूल्य नहीं है
यह एक अमूल्य ख़ज़ाना है॥