डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती
बिलासपुर (छतीसगढ़)
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‘हिन्दी दिवस’ विशेष…
हिमालय की ऊँचाई में हिंदी,
हिंद महासागर-सी गहराई है हिंदी।
शिशुओं के मुख में शोभित हिंदी,
प्यारी सखियों की बातों में हिंदी।
कवियों की रचनाओं में सुघड़ रूप में हिंदी,
सात सुरों में, गीत और संगीत में छाई है हिंदी।
बोलचाल की भाषा हिंदी,
मेरे राष्ट्र की भाषा हिंदी।
लघु कथाओं में हैं हिंदी,
नाटक, व्यंग्य और उपन्यास में हिंदी।
हिंदी की हैं अनेक बोलियाँ,
जैसे एक पेड़ की विभिन्न डालियाँ।
शिक्षा का गौरव है हिंदी,
मेरे देश की शान है हिंदी॥