हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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शिव शंकर भोलेनाथ है गिरजापति महादेव ओमकार,
आपकी पूजा हमारी आराधना
हम भक्तों पर करते हो आप उपकार,
सदा रक्षा करते हो मेरे महाकाल सरकार।
घोर अंधकार में घिरा हुआ रास्ता खोज रहा हूँ,
कोई ना कोई मंजिल मुझे जरूर मिल जाएगी
भरोसा है मुझे अपने भोले बाबा पर, वह मेरा साथ देंगे,
क्योंकि वह कालों के काल, मेरे महाकाल सरकार है।
सुख में दुःख में वह मेरे साथ हमेशा रहते हैं,
उनकी पूजा मुझे सबसे आसान लगती है
वह तो सिर्फ भक्तों के भाव के भूखे हैं,
वह अंतर्यामी जगत के स्वामी मेरे महाकाल सरकार है।
जग के कल्याण के लिए स्वयं विष को पीया,
वह इतने दानी हैं कि, राजा रावण को सोने की लंका देदी
अपने पास कुछ नहीं रखा उस औघड़ दानी ने,
वाह क्या बात है! भोलेनाथ मेरे महाकाल सरकार की।
हर स्वरूप उनका निराला, है भोले भण्डारी,
शिव शम्भू सोमनाथ या फिर विश्वनाथ
हर एक तीर्थ की अमिट छवि मनमोह लेती है।
पर जब तक मेरे महाकाल के दर्शन ना करूँ जीवन अधूरा लगता है,
क्योंकि, यह मेरे महाकाल सरकार है॥