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मैं तुमसे प्यार करता हूँ…

वीना सक्सेना
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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अक्सर मैं सुनती हूँ लोग कहते हैं कि मेरे पति ने मुझे कभी ‘आई लव यू’ नहीं कहा…मेरे पति ने भी मुझ से कभी ‘आई लव यू’ नहीं कहा…और मुझे इसकी कभी दरकार भी नहीं रही…बात पिछले साल की है,मैं अपने पति के साथ उज्जैन महाकाल बाबा के दर्शन को गई थी…सिंहस्थ के बाद वहां बाबा के दर्शनों के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है…गर्मी का महीना था धूप बहुत तेज थी..परंतु मुझे दर्शन करना था सो मैं दर्शन करने अपने पति के साथ पहुंची…भीड़ बहुत ज्यादा थी और कतार लंबी…मुझे कतार में घबराहट होती है..पर जैसे-तैसे गर्भ गृह तक ४५ मिनट में पहुंची…बाबा के दर्शनों के बाद सारी थकान मिट गई…लौटने के लिए जब हम बाहर आए तो बताया गया कि बाहर जाने के लिए पीछे से जाना होगा…यह रास्ता पहले वाले रास्ते से भी ज्यादा लंबा था…चलना मुश्किल हो रहा था…क्योंकि गर्मी बहुत तेज थी और जमीन तप रही थी…थोड़ा चलते,फिर कहीं खड़े होते लेकिन जमीन इतनी तप रही थी… कि लगातार चला नहीं जा रहा था…पसीने से तरबतर हो गई थी मैं…इतने में मेरे पति ने मुझसे कहा-“तुम यहीं रुको,मैं अभी आता हूँ…” १०-१५ मिनट हो गए,पर मेरे पति का कहीं कोई अता-पता नहीं था…मुझे अब थोड़ा-थोड़ा गुस्सा आने लगा था…तभी मैंने देखा सामने से मेरे पति एक पीली पन्नी लेकर आ रहे थे,पास आकर बोले-“लो चप्पल पहन लो..मैं स्टैन्ड से ले आया हूँ…तुम्हारे पैर जल रहे थे ना…”
मुझे लगा मेरी चप्पल लाने के लिए उल्टे रास्ते से जाने पर ज्यादा लंबा पड़ता है..क्या इनके पैर नहीं जल रहे होंगे …क्या यह प्यार नहीं है…जरूरी है कि ‘आई लव यू’ ही बोला जाए…।

परिचय : श्रीमती वीना सक्सेना की पहचान इंदौर से मध्यप्रदेश तक में लेखिका और समाजसेविका की है।जन्मतिथि-२३ अक्टूबर एवं जन्म स्थान-सिकंदराराऊ (उत्तरप्रदेश)है। वर्तमान में इंदौर में ही रहती हैं। आप प्रदेश के अलावा अन्य प्रान्तों में भी २० से अधिक वर्ष से समाजसेवा में सक्रिय हैं। मन के भावों को कलम से अभिव्यक्ति देने में माहिर श्रीमती सक्सेना को कैदी महिलाओं औऱ फुटपाथी बच्चों को संस्कार शिक्षा देने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। आपने कई पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया है।आपकी रचनाएं अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुक़ी हैं। आप अच्छी साहित्यकार के साथ ही विश्वविद्यालय स्तर पर टेनिस टूर्नामेंट में चैम्पियन भी रही हैं। `कायस्थ गौरव` और `कायस्थ प्रतिभा` सम्मान से विशेष रूप से अंलकृत श्रीमती सक्सेना के कार्यक्रम आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर भी प्रसारित हुए हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख प्रकाशित हो चुके हैंl आपका कार्यक्षेत्र-समाजसेवा है तथा सामजिक गतिविधि के तहत महिला समाज की कई इकाइयों में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैंl उत्कृष्ट मंच संचालक होने के साथ ही बीएसएनएल, महिला उत्पीड़न समिति की सदस्य भी हैंl आपकी लेखन विधा खास तौर से लघुकथा हैl आपकी लेखनी का उद्देश्य-मन के भावों को अभिव्यक्ति देना हैl

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