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युवाओं का मार्गदर्शन करेगी ‘युवार्थ’,इससे प्रेरणा लेनी चाहिए

देअविवि की कुलपति ने किया युवा लेखक-कुशल नेतृत्वकर्ता नितिन डेहरिया की पुस्तक का विमोचन

इन्दौर(मध्यप्रदेश)।

पुस्तक का लेखन अतुल्य सराहनीय है। सभी छात्रों को युवार्थ से प्रेरणा लेनी चाहिए। यह पुस्तक युवाओं का निश्चित मार्गदर्शन करेगी,क्योंकि यह एक अनुभव व संघर्ष से निर्मित पुस्तक है। यह बात देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.डॉ. रेणु जैन ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के मुख्यालय नालन्दा परिसर में कही। यहाँ मौका था पुस्तक ‘युवार्थ’ के विमोचन का,जिसमें कुलपति मुख्य अतिथि रहीं।
विवि(इन्दौर) की पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला के मेधावी छात्र,लेखक और युवा नेतृत्व नितिन डेहरिया द्वारा राष्ट्रीय विचारधारा पर रचित इस पुस्तक का प्रकाशन दिल्ली से हुआ है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता  जनसंचार अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगुंदे ने की। कार्यक्रम में कुलपति का स्वागत छिंदवाड़ा निवासी समाजसेवी मोहन डेहरिया ने किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो.रेणु जैन ने पुस्तक की शुरुआत की ही पंक्तियों को पढ़ कर पुस्तक की प्रशंसा की।


अध्यक्षता कर रही डॉ. नरगुंदे ने उपस्थित विद्यार्थियों व अतिथि को समाज में साहित्य से जुड़े तथ्यों से अवगत कराते हुए साहित्य के क्षेत्र में प्रयास करने वाले विद्यार्थियों को सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाने के प्रयास को साझा किया। आपने यह भी बताया कि,हम हर महीने किसी एक विषय में ‘प्रयोग’ अखबार निकालते हैं, जो विद्यार्थियों द्वारा ही किसी एक विषय को चुनकर लिखा जाता है। यह पत्रकारिता के छात्रों को प्रगति की ओर बढ़ने के लिए एक उचित मार्गदर्शन होता है।
कार्यक्रम में लेखक नितिन के पिता मोहन डेहरिया ने अपने विचारों को प्रकट किया तो कम उम्र वाले बेटे के सुंदर लेखन पर उनकी आँखें भर आई। लेखक नितिन डेहरिया ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘युवार्थ’ की शुरुआत 1-2 साल की ही नहीं,बल्कि बचपन से पिताजी के संघर्षों को देखकर व उनके दिए गए संस्कारों से हुई है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों सहित एवं डीएसडब्ल्यू डॉ. एल. के. त्रिपाठी,प्राध्यापकगण के साथ ही शोधकर्ता उपस्थित रहे। अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगुंदे ने कुलपति एवं अन्य का आभार व्यक्त किया।

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