विमोचन…
इंदौर (मप्र)।
मैकाले की शिक्षा नीति ने देश के युवाओं को लक्ष्यविहीन बना दिया है। यही कारण है कि, आज का युवा आत्महत्या की ओर जा रहा है या फिर नशे में डूबा हुआ है। यह पता ही नहीं है कि, संघर्षों से कैसे लड़ा जाए ? इसके लिए युवाओं के मन को मजबूत करना होगा और ‘प्रबोधन’ जैसी पुस्तक युवाओं के मन को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
यह बात साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक और प्रसिद्ध बाल साहित्यकार डॉ. विकास दवे ने कही। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में ‘प्रबोधन’ पुस्तक के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आपने कहा कि, ‘प्रबोधन’ पुस्तक वास्तव में भटक रहे युवाओं के लिए मार्गदर्शन का काम करेगी।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए विवि की कुलगुरु डॉ. रेणु जैन ने कहा कि, छात्रों के जीवन में शिक्षक का अपना महत्व होता है। ऐसे में शिक्षक सही अर्थों में छात्रों का मार्गदर्शक भी होता है। ‘प्रबोधन’ पुस्तक में ऐसे आलेखों का संग्रह किया गया है, जो युवाओं को सही प्रबंधन करने की सीख देंगे। विवि के कुलसचिव डॉ. अजय वर्मा ने विशेष अतिथि के रूप में कहा कि, काॅलेज में आने से लेकर नौकरी करने तक युवा कई समस्याओं से घिरा होता है, ऐसे में ‘प्रबोधन’ जैसी पुस्तकें उसकी मार्गदर्शक बनेंगी।
अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगुंदे ने विशेष अतिथि के रूप में कहा कि, आज समाज में ऐसे लोगों की जरूरत है, जो समाज को जोड़कर रख सके। ऐसा ही कुछ काम ‘प्रबोधन’ की सम्पादक डॉ. संगीता भारूका ने किया है। आपने ५६ महिला लेखिकाओं के लेखों को एकसाथ एक ही माला में पिरोया है, जो युवाओं के लिए मार्गदर्शक साबित होगा। केवल युवाओं के लिए नहीं, बल्कि आज समाज के हर वर्ग के लिए जीवन प्रबंधन जरूरी है। पुस्तक के प्रकाशक यशभूषण जैन विशेष रूप से उपस्थित रहे। आरंभ में अतिथियों का स्वागत नरेंद्र कुशवाह व अनुपमा छाजेड़ ने किया। स्वागत भाषण प्रगति जैन ने दिया।